Thursday 22 September 2022

आप एनर्जी ड्रिंक के नाम पर जहर तो नहीं पी रहे?

इन दिनों बाजार में एनर्जी ड्रिंक की बाढ़ आई हुई है। इनकी खपत में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ओआरएस घोल के नाम से बेचे जाने वाले यह पेय स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक हैं। यहां तक कि इन पेयों के अत्यधिक सेवन से हृदय गति भी रुक सकती है। मानव स्वास्थ्य के लिए इसी खतरे को देखते हुए हैदराबाद के वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डा शिवरंजनी संतोष ने तेलंगाना उच्च न्यायालय में इन पेयों के विक्रय पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि ओआरएस घोलों के नाम से बेचे जाने वाले इन उत्पादों में अत्यधिक मात्रा में लवण और शर्करा होती है, जिसका अत्यधिक सेवन व्यक्ति को अस्पताल पंहुचा सकता है, यही नहीं यह उसकी मृत्यु का कारण भी बन सकता है।




इस जनहित याचिका को सुनते हुए तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश उजल भूमान और न्यायधीश सी वी भास्कर रेड्डी ने ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट की धारा 3 जी एवं अनुसूची - के की धारा 27, (जिसमें ओआरएस घोल को औषधि कहा गया है) के अंतर्गत फूड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डर्ड अथारिटी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।

वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डा शिवरंजनी संतोष का कहना है कि बाजार में विभिन्न नामों से बिकने वाले एनर्जी ड्रिंक के मानकों को नियंत्रित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। यद्यपि सेंट्रल ड्रग स्टैण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने इसके संबंध में दिशा निर्देश जारी किए थे, परंतु इनको लागू नहीं किया गया है, जिसके कारण उत्पादक आकर्षक विज्ञापनों के द्वारा लोगों को अधिक से अधिक एनर्जी ड्रिंक पीने के लिए प्रेरित कर उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

तेलंगाना टुडे द्वारा समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से 16 अप्रैल 2021 को प्रकाशित एक लेख में लंदन में बीएमजे पत्रिका में छपी एक 21 वर्षीय युवक की केस स्टडी के हवाले से कहा गया है कि एनर्जी ड्रिंक का अत्यधिक सेवन से हृदयाघात हो सकता है। यह युवक 2 वर्षों तक रोजाना 4 से 5 एनर्जी ड्रिंक पीता था। चार माह तक थोड़े से परिश्रम के बाद सांस फूलने और लेटने पर सांस लेने में दिक्कत होने, वजन कम होते जाने के कारण आईसीयू में दाखिल होना पड़ा । युवक रोज 500 मिली एनर्जी ड्रिंक पीता था, जिसमें 16 मिग्राम कैफीन, टारीन और अन्य पदार्थ होते थे।

युवक का कहना था कि अस्पताल में दाखिल होने के पूर्व उसे अपच, कंपकंपी और सांस लेने में कठिनाई अनुभव हो रही थी, जिसके कारण उसे अपनी विश्वविद्यालय की पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी थी। खून की जांच, इसीजी और स्कैन रिपोर्ट से पता चला कि उसका हृदय और किडनी फेल होने की दिशा में बढ़ रहे हैं, इन दोनों अंगों का प्रत्यारोपण करने की सलाह भी उसे दी जा सकती है।

लेख का निष्कर्ष था कि अधिक मात्रा में एनर्जी ड्रिंक से हृदय को होने वाले खतरों के बारे में लोगों को पर्याप्त जानकारी दी जानी चाहिए। इसी आधार पर जनहित याचिका दाखिल कर आवश्यक कदम उठाकर एनर्जी ड्रिंकों को प्रतिबंधित करने की मांग की गई है।

लोगों विशेषकर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाली इन एनर्जी पेयों पर सख्त नियमन आवश्यक है। बाजार में विभिन्न नामों से आने वाले खाद्य आहारों के संबंध में ग्राहकों को जागरूक करना, ग्राहक संगठनों को विशेष दायित्व है। आकर्षक साथ सज्जा के साथ नवीन नवीन नामों से बिकने वाले इन हानिकारक पदार्थो का उपभोग कर लोग अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, इस संबंध में सघन जागरूकता आवश्यक है।

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