Wednesday 4 January 2023

आनलाईन होटल बुकिंग में बड़ा घपला, पर्यटकों की लूट

 पर्यटक विशेष अवसरों पर होने वाली छुट्टियों में पर्यटन के लिए निकलते हैं। पर्यटन स्थल पर किसी प्रकार की असुविधा ना हो इस कारण पूर्व में ही विभिन्न ऑनलाइन एजेंसियों के माध्यम से होटल की बुकिंग भी करवा लेते हैं। पर्यटक सावधानी अपनाएं, ऑनलाइन होटल बुकिंग पर आंख बंद कर विश्वास करने से बचें, उन्हें पर्यटन स्थल पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, यह ध्यान रहे। बात को अधिक स्पष्ट करने के लिए, मैं एक सच्ची घटना का सिलसिलेवार वर्णन करता हूं। 

इस वर्ष क्रिसमस और नववर्ष की छुट्टियां गोवा में बिताने की मैंने योजना बनाई। इस अवसर पर गोवा में बहुत भीड़ होती है। अतः असुविधा ना हो इसलिए सितंबर माह में ही 26 दिसंबर से 28 दिसंबर तक, गोवा के पंजीम शहर में और 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक गोवा के कैलेंगुटे शहर में एक ऑनलाइन एजेंसी के माध्यम से होटल भी बुक कर लिए। मैंने होटल बुकिंग की राशि चुका दी, ताकि कोई गलतफहमी ना रहे। परंतु मुझे मालूम नहीं था कि उधर पर्यटकों को ठगने के लिए, ऑनलाइन बुकिंग एजेंसी एवं होटल वालों के बीच पहले से ही एक अलग षड्यंत्र चलता है। जिसकी कार्य पद्धति लगभग सभी पर्यटन स्थलों पर एक जैसी ही है।


निर्धारित समय पर मैं गोवा के मडगांव पहुंच गया। वहां से टैक्सी द्वारा पणजी में होटल पहुंचने के लिए निकला। होटल के दिए पते पर पहुंचने के बाद मेरे पांव के नीचे से जमीन खिसक गई। होटल स्थल के आसपास रहने वाले बता रहे थे कि होटल तो कब का बंद हो चुका है। मैं सामान के साथ गोवा के पंजिम शहर में सड़क पर, उधर सीजन होने के कारण 500-600 रूपों में मिलने वाले होटलों के लिए, उनके मालिक 2500 से ₹3000 पर्यटकों से वसूल रहे थे। ऑनलाइन बुकिंग एजेंसी के ऐप और वेबसाइट पर होटल बुकिंग करने की तो सभी एक तरफा सुविधाएं मौजूद हैं। परंतु कठिन स्थितियों में पर्यटक बुकिंग एजेंसी से बात कर अपनी समस्या का समाधान पा सके, इस प्रकार की कोई सुविधा सरलता से आपको नजर नहीं आयेगी। यदि आप किसी प्रकार बुकिंग एजेंसी का संपर्क नंबर प्राप्त करने में सफल हो भी गये और वह आपकी मदद के लिए आगे आए, तो भी निश्चित मानिए आप से वसूले गए रुपयों के बदले वह आपको सस्ती और घटिया सुविधा उपलब्ध करवाएंगे। आप के पास मजबूरी में उस घटिया सुविधा को स्वीकार करने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं होगा। यदि आप बुकिंग एजेंसी से संपर्क नहीं कर पाए, तो आप रामभरोसे टैक्सी में इधर उधर की खाक छानते घूमेंगे, पैसा और समय दोनों बर्बाद करेंगे, महंगे दामों में साधारण होटल की सुविधा लेकर अपना काम निकालने के लिए मजबूर हो जायेंगे। पर्यटन स्थल पर जाकर घूमने और मौज मस्ती करने की आपकी इच्छायें धरी रह जाएगी। मजे की बात यह कि आप जब भी बुकिंग एजेंसी वालों से संपर्क करने में सफल होंगे, वह सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र का अवतार बनकर आपका पूरा पैसा आपको वापस कर, आप पर एहसान लादने के लिए तैयार मिलेंगे। क्योंकि वह पहले ही आपको भटकने के लिए मजबूर कर आपके द्वारा बुक कराये गये होटल रूम को किसी अन्य को लेकर, अच्छा खासा पैसा कमा चुके होते हैं।


यह अपवित्र गठबंधन लगभग सभी राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय ऑनलाइन बुकिंग एजेंसियों, होटल मालिकों के बीच चलता है, कुछ अपवाद छोड़कर। मुझे भी यही झेलना पड़ा, तुरंत नए होटल की खोज, अधिक पैसा देकर घटिया होटल में रुकने की विवशता और समय काटना। अभी कलंगुटे के एक होटल में, मेरी 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक की बुकिंग बाकी थी। 31 दिसंबर को भी मैं, कलेंगुटे में बुक किए गए होटल की तलाश में भटका, परंतु यहां पर भी न तो मेरे द्वारा बुक किया गया होटल नहीं मिला। परेशान होकर मुझे अपना पर्यटन कार्यक्रम रद्द कर वापस घर लौटना पड़ा। क्योंकि वहां पर नये होटल की व्यवस्था कर होटल रुकना, अपने पूरे बजट का सत्यानाश करना था। परंतु ऐसे समय में क्या आपको आनन-फानन में रेल या बस का आरक्षण मिलना आसान है। आपको यात्रा भी अधिक पैसा देकर धक्के खाते हुए ही करनी पड़ेगी मुझे भी यही करना पड़ा।


रूकिए अभी कहानी में एक ट्विस्ट बाकी है इस प्रकार के अवसरों पर स्वाभाविक है कि कोई भी पर्यटक इंटरनेट, फोन पर होटल बुकिंग एजेंसी से संपर्क करने के लिए, उनके कस्टमर केयर के नंबर और ईमेल को सर्च करेगा। मैंने भी प्रयास किया, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले दिन जब मैं ट्रेन द्वारा घर वापस लौट रहा था। मैंने एक बार फिर ऑनलाइन बुकिंग एजेंसी को सूचना देने के इरादे से उनका संपर्क सर्च किया। मुझे आश्चर्य हुआ की इस समय सर्च करते ही कस्टमर केयर का नंबर और वेबसाइट सामने था। जब मैंने कस्टमर केयर नंबर पर फोन मिलाया तो दूसरी तरफ से एक सज्जन बड़ी ही मधुर आवाज में बोले, आपकी असुविधा के लिए मुझे खेद है। मैं तुरंत आपके पूरे पैसे वापस करवा देता हूं। जब मैंने उनसे कहा कि ठीक है, अब आप यही कर सकते हैं। पैसे ही वापस करवाइए तो वह बोले कि पैसे वापस करने की एक प्रक्रिया है। मैं आपकी मदद करूंगा। आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल के द्वारा इस प्रक्रिया को पूरा करना पड़ेगा। इतनी ही बात हुई थी कि जिस नंबर पर मैंने डायल किया था वह कॉल कट गई। थोड़ी ही देर में एक अन्य नंबर से उन्हीं सज्जन का फिर फोन आया। वह बोले मैं आपकी मदद करता हूं मैं जो कहता हूं। आप करते जाइए, 5 मिनट में आपके पैसे वापस हो जाएंगे। यह कहकर उन्होंने मुझे प्ले स्टोर में जाकर QS टाइप कर सर्च करने के लिए कहा। मुझे बात अजीब लगी कि मैंने शिकायत कर दी है। अब जो कुछ भी करना है बुकिंग एजेंसी को ही करना है। मैं एक नये एप के जरिए कुछ नया क्यों करुं,  फिर भी मैंने उनसे कहा कि मैं ट्रेन में हूं सही नेटवर्क नहीं आ रहा है। अतः प्ले स्टोर में जाकर किसी ऐप को डाउनलोड करना संभव नहीं है। कल सुबह मैं घर पहुंच जाऊंगा फिर आपको फोन करूंगा। उदारता की मूर्ति बनकर वह सज्जन बोले की कल सुबह 9:00 बजे मैं ही, आपको फोन कर लूंगा। उन सज्जन का सुबह 10:00 बजे फोन आ गया। मैंने उनसे कहा कि मुझे ऐप डाउनलोड करना व अन्य बातें नहीं समझती हैं। मैं अपने लड़के को फोन देता हूं। वह कहते रहे कि इसकी आवश्यकता नहीं है। मैं आपकी मदद करता हूं। 5 मिनट में आपके पैसे आपके खाते में पहुंच जाएंगे। यह बात हो ही रही थी। तब तक मैं अपना फोन लड़के के हाथों में पकड़ा चुका था। लड़के ने उन सज्जन से बात की वह जैसे ही प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करने के लिए कहने लगे। मेरे लड़के ने कहा कहीं इस तरह भी होता है। आप मेरे फोन के ऑपरेशन कंट्रोल आपको देने के लिए क्यों कह रहे हैं। जब उन्होंने एक पिन, उनको बताने के लिए कहा मेरे लड़के ने उनसे कहा कि यह पिन मैं आपको क्यों बताऊं। यह पिन लेकर आप मेरे फोन का कंट्रोल अपने हाथ में क्यों लेना चाहते हैं। यह बात कहते ही उन सज्जन ने फोन काट दिया, पता चला कि वह सज्जन ऑनलाइन फ्रॉड वाले थे। मेरे फोन की शेयरिंग लेकर, वह मेरी होटल की बुकिंग की राशि और बैंक अकाउंट पर हाथ साफ करने की तैयारी में थे।


पर्यटकों को अपनी यात्रा सफल करने के लिए ऑनलाइन होटल बुकिंग करते समय कुछ बातें ध्यान रखनी आवश्यक है। केंद्र और राज्य सरकार के पर्यटन मंत्रालयों को भी इस पर्यटकों की मदद के लिए त्वरित,आवश्यक व कठोर कार्यवाही करने की व्यवस्था करनी चाहिए। सरकार पर्यटकों की मदद के लिए पर्यटन स्थलों पर पर्यटन केंद्र खोलकर कठिनाई की स्थिति में पर्यटकों की मदद कर सकती हैं। उन्हें न्याय दिला सकती हैं। पर्यटकों को ऑनलाइन बुकिंग करते समय भी कुछ बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए -
1. ऑनलाइन होटल बुकिंग करते समय होटल का संपर्क नंबर और ईमेल आईडी अवश्य मांगे। यह यदि बुकिंग एजेंसी यह देने से मना करें तो उस होटल की बुकिंग न करें।
2. पर्यटन स्थल की ओर प्रस्थान करने से पहले ही होटल से ई-मेल द्वारा संपर्क कर अपनी बुकिंग निश्चित कर लें, फोन पर होटल से उसका पता और होटल के आसपास के स्थानों की जानकारी ले लें, ताकि नए शहर में आपको होटल तक पहुंचने में असुविधा ना हो।
3. होटल में मिलने वाली समस्त सुविधाओं की विस्तृत जानकारी ऑनलाइन बुकिंग एजेंसी से पहले ही प्राप्त कर लें। निश्चित सुविधाएं न मिलने पर बुकिंग एजेंसी से शिकायत करें तथा सोशल मीडिया पर अपना अनुभव डालना न भूलें ताकि अन्य पर्यटक सचेत हो सके।
4. सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करें। होटल द्वारा ग्राहक को बुकिंग देने से मना करने पर होटल और ऑनलाइन बुकिंग एजेंसी पर दबाव डालकर उस उन्हें पर्यटकों को तुरंत स्थान उपलब्ध कराने के लिए दबाव डालें तथा इस प्रकार के होटलों के रजिस्ट्रेशन रद्द करें।
5. होटल की बुकिंग रद्द कर दिए जाने की स्थिति में पर्यटकों को होटल व बुकिंग एजेंसी से पर्यटन स्थल से उनके स्थान तक का, आने जाने का किराया व होटल बुकिंग के लिए दी गई राशि की दुगनी रकम पर्यटकों को दिलाएं।
6. सरकार द्वारा पर्यटन स्थल बनाए गए पर्यटन कार्यालय और हेल्पलाइन शिकायत मिलने की स्थिति में तुरंत कार्यवाही कर पर्यटकों को राहत और न्याय दिलवाये

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