ग्राहक आन्दोलन का अर्थ अपने आसपास कानून के अनुपालन वाली संरचना खड़ी करना तथा जहां यह नहीं है वहां पर इसकी व्यवस़्था करने तक मर्यादित नहीं है। विशेष रूप से ग्राहक पंचायत जैसे संगठनों से, उनके लिये आवश्यक है कि विश्व की आर्थिक हलचलों तथा उसके ग्राहकों पर पड़ने वाले आर्थिक प्रभावों के साथ राजनीतिक, सामाजिक, पारिवारिक, पर्यावरणीय प्रभावों का अध्यन विश्लेषण कर उनसे ग्राहकों को अवगत करायें, मेरा यही प्रयास रहता है।
जनवरी 2016 मे मैक्सिको के दावोस मे विश्व आर्थिक समुदाय| (World Economic Forum) की बैठक हुई। इस बैठक मे जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमे चौथी औद्योगिक क्रान्ति विश्व के आर्थिक मानचित्र को तहस नहस करने वाली है। विश्व आज बहुत बड़े आर्थिक परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है। नवीन प्रतिमान स्थापन (Paradigm Shift) को अनदेखा करना मूर्खता होगी विशेष रूप से तब, जब उसके चिन्ह आकार लेते दिखाई दे रहे हों। वर्ष 1900 का विश्व आज नहीं है, आज जो है आने वाले वर्षो का विश्व उससे बहुत भिन्न होगा। अतः मिलने वाले संकेतों के आधार पर किसी भी द्रष्टि से उसका विचार उपयोगी ही होगा। यहां हम कुछ क्षेत्रों की समीक्षा करते हैं।
बीसवीं शताब्दी के अन्त से कुछ पूर्व तक स्विट्जरलैंड घड़ियोंं के मामले मे विश्व के प्रथम क्रम पर था। 1932 मे जापान के इसाक कोगा पहली बार घड़ियों मे क्वार्ज का सफल प्रयोग करने मे सफल हुये थे। यह स्विट्जरलैंड के लिये बहुत बड़े प्रतिमान स्थापन (Paradigm Shift) की आहट थी, जो उन्होने नहीं सुनी, नतीजतन स्विट्जरलैंड की घड़ियों के व्यापार को बहुत बुरा हश्र झेलना पड़ा। यदि अभी की बात करें तो वर्ष 1998 तक फोटो पेपर बनाने वाली कोडक कम्पनी दुनिया मे होने वाले फोटो पेपर की खपत का 85% बेचा करती थी। कम्पनी मे 1,70,000 कर्मचारी कार्य करते थे। क्या आपने 1998 मे यह सोचा भी था कि तीन वर्ष बाद आप कागज पर फोटो नहीं लेंगे। आज कम्पनी दीवालिया हो चुकी है। उनका व्यापार गायब हो चुका है। यह स्थितियां अचानक ही नहीं आई, 1975 मे डिजिटल कैमरे का आविष्कार हो चुका था, यह अलग बात है कि वह 10,000 पिक्सल का ही था, परन्तु मूर के सिद्धान्त के अनुरूप था। यद्यपि इसे काफी समय तक निराशा झेलनी पड़ी परन्तु कुछ समय पूर्व ही यह मुख्यधारा मे आ गया। आने वाले 10 वर्षों मे कोडक कम्पनी जैसा हाल बहुत सी कम्पनियों का होने वाला है। अभी लोग इसे समझ नहीं रहे हैं। यह सभी क्षेत्रों मे होने वाला है क्रत्रिम ज्ञान, स्वास्थ्य, कारों, शिक्षा, 3D प्रिन्टिंग, कृषि, रोजगार, स्वायत्ता आदि सभी क्षेत्र इससे प्रभावित होने वाले हैं।
आने वाले 5 - 10 वर्षों मे पारम्परिक उद्योगों को सबसे अधिक सॉफ्टवेयर प्रभावित करेगा। "ऊबर" मात्र एक सॉफ्टवेयर टूल है, वह दुनिया की सबसे बड़ी टैक्सी कम्पनी है परन्तु उसके पास कारें नहीं हैं। Airbnb विश्व की सबसे बड़ी होटल कम्पनी है परन्तु उसके पास बिल्डिंगें नहीं हैं।
क्रत्रिम ज्ञान -
दुनिया को आदमियों से बेहतर कम्प्यूटरों ने समझा है। विश्व के सबसे बुद्धिमान ज्ञानियों, प्रोफेशनलों, विशेषज्ञों को कम्प्यूटर ने उम्मीद से 10 वर्ष पहले ही धराशायी कर दिया है। अमेरिका मे नये वकीलों को काम नहीं मिल रहा है, क्योंकि IBM Watson द्वारा आपको अच्छी से अच्छी कानूनी सलाह सेकेन्डों मे , वह भी 90% सटीक मिल जाती है। आने वाले समय मे 90% कम वकीलों की आवश्यकता रह जायेगी। वह भी सिर्फ विशेषज्ञों की।
Watson कैन्सर का पता लगाने मे नर्सों की मदद कर रहा है । फेसबुक ने एक पेटर्न के आधार पर पहचानने की तकनीक विकसित कर ली है। अतः अब वह आदमी के चेहरे पहचानने मे आदमी से अधिक सक्षम व विश्वसनीय है। वर्ष 2030 तक कम्प्यूटर मनुष्य से अधिक बुद्धिमान बन जायेगा।
निजी कारें -
वर्ष 2018 मे पहली बार लोगों के उपयोग के लिये स्वचलित कार आयेगी। वर्ष 2020 के आसपास कार उद्योग का विघटन प्रारम्भ हो जायेगा। आप को कार खरीदने की जरूरत ही नहीं होगी। आप फोन पर कार बुलायेंगे, कार आपके सामने होगी, आपको गन्तव्य तक पंहुचा देगी। आपको उसे पार्क करने की जहमत नहीं उठानी है, आप तो बस जितने किलोमीटर चल कर आये हैं, उसका भुगतान कर दीजिये। कारों के मामले मे यह बहुत उपयोगी होगा। हमारे बच्चों को ड्राइविंग लाइसेन्स की जरूरत ही नहीं होगी, वह कभी कार खरीदने वाले ही नहीं हैं। इससे शहरों मे बदलाव दिखेगा, क्योंकि हमे 90 से 95% कम कारों की जरूरत रह जायेगी। हम कार पार्किंग वाले स्थानों पर पार्क विकसित कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त विश्व मे प्रतिवर्ष 1.2 मिलियन लोग सड़क दुर्घटना के शिकार होते हैं। वर्तमान मे 1 मिलियन किमी पर सड़क दुर्घटना होती है, स्वचलित कारों से यह 10 मिलियन कि मी तक हो जायेगी और हम प्रतिवर्ष लाखों लोगों की जान बचाने मे सक्षम होंगे।
इसके कारण अधिकतर कार कम्पनियां दीवालिया हो जायेंगी। पारम्परिक कम्पनियां नई सोच के सहारे अधिक बेहतर कार तो बना सकती हैं, परन्तु तकनालाजी कम्पनियां (टेसला, एप्पल, गूगल) क्रान्तिकारी कदम उठाकर पहियों वाले कम्प्यूटर बनाने लगेंगे। बड़ी बड़ी कार कम्पनियों के इन्जीनियर टेसला से बुरी तरह डरे हुये हैं।
बीमा कम्पनियां -
बीमा कम्पनियों के बहुत बुरे दिन आाने वाले हैं। दुर्घटनाओं के बिना बीमा 100 गुना से अधिक सस्ता हो जायेगा। कार बीमा जैसे घटक तो गायब ही हो जायेंगे।
भूमि भवन बिक्री व्यापार -
इस क्षेत्र मे भी परिवर्तन होगा। जब आप यात्रा के समय तथा घर से काम करने मे सक्षम होंगे तो आप किसी अच्छे स्थान पर थोड़ा अधिक दूर रहने से परहेज नहीं करेंगे। 2020 तक विद्युत कारें मुख्यधारा मे आ जायेंगी। अतः शहरों मे भी कम शोर, कम प्रदूषण होगा। बिजली बहुत ही सस्ती व स्वच्छ हो जायेगी । सोलर विद्युत उत्पादन की परिपूर्णता का ग्राफ 30 वर्षों का है परन्तु उसका प्रभाव अभी से दिखने लगा है। पिछले वर्ष विश्व मे सोलर बिजली उत्पादन ईकाइयों की स्थापना पारम्परिक बिजली उत्पादन ईकाइयों से कहीं अधिक की गई । सोलर ऊर्जा के कारण दामों मे इतनी अधिक कमी आयेगी कि 2025 तक सभी कोयला कम्पनियां व्यापार से बाहर होंगी।
बिजली के सस्ते उत्पादन से ही पानी की प्रचुर मात्रा तथा उसके अलवणीकरण की प्रक्रिया जुड़ी है। वर्तमान मे अलवणीकरण प्रक्रिया मे 2 किलोवाट प्रति घंटा बिजली प्रत्येक क्यूबिक मीटर के लिये लगती है। हमारे पास पानी की कमी नहीं है, स्वच्छ पीने योग्य पानी की कमी अवश्य है। सोचिये आपको उतना पानी बिना किसी लागत के मिल जाये, जितना आप चाहते हैं।
स्वास्थ्य -
ट्राईकार्डर - X. का मूल्य इस वर्ष घोषित कर दिया जायेगा। कई कम्पनियां रोग पहचानने वाले उपकरण बनाने लगी हैं। स्टार ट्रैक कम्पनी के उपकरण का नाम ट्राईकार्डर है। यह हमारे फोन के साथ मिलकर काम करेगा। यह हमारे रैटीना स्कैन, रक्त नमूने तथा सांसों को लेकर, उनका विश्लेषण 54 जैवचिन्हों के सहारे करेगा, जिससे रोग की पहचान लगभग हो जायेगी । यह सस्ता तो होगा साथ ही पृथ्वी पर रहने वाले सभी को विश्वस्तरीय सर्वोत्तम दवा लगभग मुफ्त मे प्राप्त हो जायेगी ।
3D प्रिन्टिंग -
10 वर्षों के अन्तराल मे विश्व के सबसे सस्ते 3D प्रिन्टरों के दाम 18000 डालर से 400 डालर पर आ टिके हैं। साथ ही इनकी स्पीड भी काफी बढ़ी है। सभी प्रमुख कम्पनियां 3D प्रिन्टिंग शूज बना रही हैं। अब स्पेस स्टेशनों पर भी 3D प्रिन्टरों की मदद से उतने पुर्जों की जरूरत नहीं रह जायेगी, जितनी हुआ करती थी। वर्ष के अन्त तक स्मार्टफोनों मे 3D स्कैनिंग की सुविधा आने लगेगी। आप अपने पैर का 3D फोटो भेज दीजिये और घर पर अपनी नाप का जूता मंगवाइये। चीन मे एक 6 मन्जिला भवन का पूरा 3D. चित्र लिया गया है। 2027 तक जितनी भी वस्तुओं का उत्पादन होता है, उनके 10% का 3D फोटो उपलब्ध होगा।
व्यापार के अवसर -
आप स्वयं से पूछिये भविष्य मे आप किस तरह का अवसर चाहते हैं, यदि आप को लगता है कि आप वह प्राप्त कर सकते हैं, तो सोचिये कि आप कैसे उसे जल्दी से जल्दी पा सकते हैं। यदि आप उसे अपने फोन की मदद से नहीं प्राप्त कर सकते हैं, तो भूल जाइये। 20 वीं शताब्दी मे सफलता प्राप्ति का कोई भी विचार 21 वीं शताब्दी मे सफल नहीं होगा ।
रोजगार -
आने वाले 20 वर्षों मे 70 से 80% रोजगार समाप्त हो जायेंगे। यद्यपि बहुत से नवीन रोजगार भी उत्पन्न होंगे। परन्तु यह स्पष्ट नहीं कि इतने कम समय मे पर्याप्त रोजगार उपलब्ध हो सकेंगे।
कृषि -
आने वाले समय मे खेतों मे शत प्रतिशत रोबोट काम करेंगे। तीसरी दुनिया के किसान अपने खेतों मे प्रबन्धकों की तरह काम करेंगे। नमी वाले वातावरण मे फसल उगाने की तकनीक एयरोपोनिक्स (Aeroponics) के कारण बहुत ही कम पानी लगेगा। पहली क्रत्रिम बछड़े के मांस से बनी "पेट्रीडिस" अब उपलब्ध है और यह गाय द्वारा पैदा किये बछड़े के मांस से बनी डिस से 30% सस्ती है। वर्तमान मे 30% कृषि कार्यों मे गायों की आवश्यकता पड़ती है। कल्पना कीजिये यददि हमे उसकी जरूरत ही नहीं रहे । बहुत से अनुुसन्धान चल रहे हैं, जो बाजार मे शीघ्र ही अनेको जीवों से उपलब्ध होने वाले प्रोटीन उपलब्ध करा देंगे, जिनमे मांस से अधिक प्रोटीन होगा। यह वैकल्पिक उद्गम वाले प्रोटीन के नाम से जाने जायेंगे। क्योंकि आज भी बहुत से लोग कीड़ों को खाने से सहमत नहीं हैं।
MOODIES नामक एेप प्रचलन मे है, जो बताता है आप किस मूड मे हैं। 2020 तक इस तरह के एेप भी आ जायेंगे जो आपके चेहरे के भावों से बता देंगे, आप सच बोल रहे हैं या झूठ। आप कल्पना कीजिये टीवी पर राजनीतिक बहस चल रही है, पता चल रहा है कौन नेता झूठ बोल रहा है।
आयु -
वर्तमान मे औसत आयु 3 माह प्रतिवर्ष के आधार पर बढ रही है। 4 वर्ष पूर्व तक जीवन 79 वर्षों के आसपास होता था। अब यह 80 वर्ष हो गया है। यह अपने आप बढ़ रहा है। अनुमान है 2036 तक प्रतिवर्ष 1 वर्ष से भी अधिक आयु बढ़ने लगेगी। हम सभी एक लम्बे समय तक जीवित रहेंगे। सम्भवतः 100 से भी अधिक वर्षों तक।
शिक्षा -
आज अफ्रीका तथा एशिया मे भी सस्ते स्मार्टफोन 5 से 6 हजार रूपयों मे उपलब्ध हैं। 2020 तक 70% लोगों के पास स्मार्टफोन होगा। जिसका अर्थ है प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की विश्वस्तरीय शिक्षा से जुड़ा होगा। प्रत्येक बच्चा खान एकडमी का प्रयोग कर सकता है, वह सब सीख समझ सकता है, जो प्रथम विश्व के देशों के रहने वाले बच्चे सीखते समझते हैं। सामग्री के सभी भाषाओं मे अनुवाद के कारण यह सभी को सहज उपलब्ध रहेगी।
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