सुन रहे हैं कश्मीर पर राज्य सभा मे गुलाम नबी के वक्तव्य का वीडियो वायरल हो रहा है। उन्होने यह कहा, वह कहा, पता नहीं क्या कहा। मैने भी कई बार गुलाम नबी का वीडियो सुना, मेरा बेबाक विश्लेषण ।
वाह खूब कहा गुलाम नबी ने, क्या खूब समझा आपने। बड़ी चालाकी से आग को सुलगता छोड़ने का काम किया है। कितने बेहतरीन हालात थे कश्मीर मे गुलाम नबी के जमाने मे, पूरी दुनिया जानती है। जब कश्ममीरी पंडित अपना घरबार छोड़ कर भागे तब हालात बेहतर थे। आपने इतने बेहतरीन हालात बनाये कि पंडित घर वापसी सोच भी नहीं सके। आपने बिल्कुल सही कहा जो आपने कश्मीर मे किया बी जे पी 50 सालों मे भी नहीं कर सकती। कैसे कर सकती है, आपने ही समस्या खडी की, आपने ही उसे खाद पानी दिया। आप सोते रहे कश्मीर मे विदेशों से आतंकवाद की जड़ें जमाने के लिये पैसा आता रहा। आपने कश्मीर मे वह करिश्मा किया कि पहले आतंकवादी बाहररी मुल्कों से आते थे। अब वहीं पैदा होने लगे हैं। गुलाम नबी ने फिर यह सिद्ध कर दिया कि कश्मीर की समस्या उनकी तुष्टीकरण की नीति और समुदाय विशेष के वोट बैंक को साधने की कोशिशों का परिणाम है। आज भी वह इसी काम मे लगे हैं। कश्मीर के ताजा महौल मे सेना ने कारगिल युद्ध के. समय से अधिक जवान खोेये हैं। गुलाम नबी के मुंह से उनके लिये एक शब्द भी नहीं फूटा।
आपका दर्द समझ भी आता है और आपके शब्दों मे भी छलका है। कश्मीर मे इतना बेहतरीन माहौल बनाने, वहां के मुख्यमन्त्री रहने के बावजूद भी आप दशकों से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिये, देश के दूसरे सूबों की तरफ ही भागते हैं। यहां तक कि 2014 का लोकसभा चुनाव भी आप कश्मीर से लड़ने की हिम्मत नहीं दिखा पाये। दूसरी तरफ बीजेपी कश्मीर मे सरकार बनाने की स्थिति मे आ गई। कहीं यह न हो कि आने वाले समय मे आपकी पार्टी वहां नेस्तनाबूद हो जाये और बीजेपी जम जाये।इसी झल्लाहट मे आपने यह तक कह डाला कि आने वाले 200 वर्षों तक वहां बीजेपी स्वीकार्य नहीं होगी। यह कहने के पीछे आपके जेहन मे यही चल रहा था न कि वहां एक सम्प्रदाय विशेष ने छल, बल और पाकिस्तानी मदद से आतंकवाद के सहारे जब आपको भगा दिया तो किसी दूसरे को वह भी बीजेपी जैसी पार्टी को कैसे आने देगा।
गुलाम नबी जी आप वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। आपकी जद कश्मीर ही नहीं पूरा हिन्दुस्तान है। जिसने आपको उन दिनों सर माथे पर बैठाया, जब चुनाव लड़ना तो दूर, आप मे कश्मीर मे घुसने की हिम्मत भी नहीं थी। आपके ऊपर पूरे हिन्दुस्तान का कर्ज है और वैसे भी अब आपका राजनीतिक सफर मंजिल पर पंहुच रहा है। कम से कम अब तो सच बोलने की हिम्मत दिखाइये। अब तो देश, सेना और कश्मीर घाटी छोड़ जम्मू कश्मीर के शेष भाग के लोगों की भावनाओं के अनुरूप आचरण करने की हिम्मत दिखाइये। यह न करके आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। आप सक्रिय राजनीति के हाशिये की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। आपका वर्तमान आचरण आपको गुमनामी के अन्धेरे की तरफ धकेल रहा है। याद कीजिये शेरे कश्मीर, फारूक अब्दुल्ला और अभी मरहूम हुये मुफ्ती साहब को, कुछ पर खाक चढ़ चुकी है, कुछ पर चढ़ती जा रही है। वैसे भी इनमे से किसी को वह राष्ट्रीय पहचान नहीं मिली, जो आपको हासिल है। अत: अब तो सच बोलने की हिम्मत दिखाइये, यह हमारी सलाह है, आगे आपकी मर्जी।
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